Jac Board Class 10 Hindi Chapter 9 लखनवी अंदाज (यशपाल) || Important Question with Answer
कक्षा 10 | हिन्दी | अध्याय-9 |
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लखनवी अंदाज |
1. 'लखनवी अंदाज' शीर्षक पाठ के लेखक का नाम क्या है ?
- यशपाल
- प्रेमचंद
- स्वयं प्रकाश
- रामवृक्ष बेनीपुरी
उत्तर A : यशपाल
2. नवाब साहब ने खीरे की तैयारी के बाद उसका क्या किया ?
- खिड़की से बाहर फेंक दिए
- साथ बैठे मुसाफिरों को दे दिए
- लेखक को दे दिए
- स्वयं खा गए
उत्तर A : खिड़की से बाहर फेंक दिए
3. लखनऊ किस प्रदेश की राजधानी है ?
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- हिमाचल प्रदेश
- आंध्र प्रदेश
उत्तर A : उत्तर प्रदेश
4. लखनऊ स्टेशन पर कौन खीरे के इस्तेमाल का तरीका जानते है ?
- नवाब साहब
- लेखक
- खीरा बेचने वाले
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर C : खीरा बेचने वाले
5. ट्रेन के किस क्लास में लेखक सफर कर रहा था ?
- फर्स्ट क्लास
- सेकंड क्लास
- थर्ड क्लास
- सामान्य बोगी
उत्तर B : सेकंड क्लास
6. अकेले सफर का वक्त काटने के लिए नवाब साहब ने क्या खरीदा था ?
- टमाटर
- खीरा
- प्याज़
- मूली
उत्तर B : खीरा
7. लेखक यशपाल की मृत्यु कब हुई ?
- 1974 में
- 1976 में
- 1978 में
- 1972 में
उत्तर B : 1976 में
8. लेखक यशपाल का जन्म कब हुआ था ?
- 1803 ईस्वी में
- 1903 ईस्वी में
- 1973 ईस्वी में
- 1963 ईस्वी में
उत्तर B : 1903 ईस्वी में
9. लखनवी अंदाज किस प्रकार की रचना है ?
- व्यंग्य
- उपन्यास
- कहानी
- निबंध
उत्तर A : व्यंग्य
10. वार्तालाप की शुरुआत किसने की ?
- लेखक ने
- नवाब साहब ने
- दुकानदार ने
- इनमे से कोई नहीं
उत्तर A : नवाब साहब ने
11. लेखक की दृष्टि में 'खीरा' किस वर्ग का प्रतीक है ?
उत्तर : मामूली लोगो के वर्ग का |
12. लेखक के अनुसार नवाबों की प्रमुख विशेषता क्या है ?
उत्तर : अपने को दूसरों से श्रेष्ठ समझना ।
13. 'लखनवी अंदाज' शीर्षक पाठ में लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ? [2011, 13, 18, 20]
उत्तर : जब लेखक ट्रेन के सेकेण्ड क्लास के डिब्बे में दाखिल हुआ तो उसने एक बर्थ पर पालथी मारकर बैठे हुए नवाब साहब को देखा। लेखक के डिब्बे में प्रवेश करने पर नवाब साहब की आँखों में असंतोष का भाव आ गया। नवाब साहब लेखक से बिना बात किए कुछ देर तक गाड़ी की खिड़की से बाहर देखते रहे। नवाब साहब के इन हाव-भावो से लेखक को ऐसा महसूस हुआ की वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं है।
14. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक मिर्च बुरका, अंततः सूंघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है ? [2009, 19]
उत्तर : नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,अंततः सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया।उनका यह बर्ताव स्वयं को खास दिखाने और लेखक पर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने के लिए था।उनका ऐसा करना दंभ,मिथ्या-आडंबर,प्रदर्शन-प्रियता एवं उनके व्यवहारिक खोखलेपन की ओर संकेत करता है।।
15. बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? [2010, 16, 20]
उत्तर : बिना घटना अथवा पात्रों के कहानी नहीं लिखी जा सकती है। कहानी के लिए घटना एवं पात्रों का होना बहुत जरूरी है । कहानी का अर्थ ही है- "क्या हुआ।" यदि कुछ घटना घटी ही नहीं तो "क्या हुआ" का पता कैसे चलेगा। अतः यशपाल के इस विचार से हम पूर्णतः सहमत हैं कि घटना और पात्रों के बिना कहानी नहीं लिखी जा सकती है।
16. 'लखनवी अंदाज' पाठ का क्या सन्देश है ? [2013, 17,18]
उत्तर : लखनवी अंदाज. नामक व्यंग्य में लेखक कहना चाहता है कि जीवन में स्थूल और सूक्ष्म दोनों का महत्व है। केवल गंध और स्वाद के सहारे पेट नहीं भर सकता। जो लोग इस तरह पेट भरने और संतुष्ट होने का दिखावा करते हैं, वे ढोंगी हैं, अवास्तविक हैं। इस व्यंग्य का दूसरा संदेश यह है कि कहानी के लिए कोई-न-कोई घटना, पात्र और विचार अवश्य चाहिए। बिना घटना और पात्र के कहानी लिखना निरर्थक है।
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