Jac Board Class 10 Hindi Chapter 1 पद (सूरदास) | हिंदी (क्षितिज) Important Question 2025

Jac Board Class 10 Hindi Chapter 1 पद (सूरदास) | हिंदी (क्षितिज) Important Question 2025
कक्षा 10हिंदी (क्षितिज)अध्याय-1
पद (सूरदास)


1. 'पद' कविता के कवि कौन हैं ?
  1. तुलसीदास
  2. सूरदास
  3. ऋतुराज
  4. नागार्जुन।

उत्तर B : सूरदास

2. बड़भागी किसे कहा गया है ?
  1. उद्धव को
  2. कृष्ण को
  3. गोपियों को
  4. इनमें कोई नहीं

उत्तर A : उद्धव को

3. गोपियाँ श्रीकृष्ण को किसके समान मानती हैं ?
  1. चंदन के वृक्ष के समान
  2. हारिल की लकड़ी के समान
  3. कमल के फूल के समान
  4. चंद्रमा के समान

उत्तर B : हारिल की लकड़ी के समान

4. गोपियों के अनुसार, श्रीकृष्ण अपने किस कार्य द्वारा उन पर अन्याय कर रहे हैं ?
  1. युद्ध की तैयारी कराकर
  2. योग का संदेश भिजवाकर
  3. वन में छोड़कर
  4. अन्य गोपियों से मिलकर

उत्तर B : योग का संदेश भिजवाकर

5. गोपियाँ स्वयं को क्या मानती हैं ?
  1. साध्वी
  2. अबला
  3. विदूषी
  4. देवी

उत्तर B : अबला

6. सूरदास का जन्म कब हुआ ?
  1. सन् 1450
  2. सन् 1478
  3. सन् 1500
  4. सन् 1525

उत्तर B : सन् 1478

7. "सूरसागर" में लगभग कितने पद हैं ?
  1. लगभग दो सौ
  2. लगभग तीन सौ
  3. लगभग पाँच सौ
  4. लगभग एक हजार

उत्तर C : लगभग पाँच सौ

8. गोपियों के अनुसार, राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
  1. राजा किसी भी स्थिति में प्रजा को नहीं सताता है। 
  2. प्रजा को दुःखी नहीं करता। 
  3. प्रजा की रक्षा करता है। 
  4. इनमें सभी। 

उत्तर D : इनमें सभी। 

9. गोपियों द्वारा उद्धव को बड़भागी कहने का क्या कारण है ?
  1. कृष्ण के प्रिय सखा होना
  2. कृष्ण के समीप रहकर भी निर्गुण की बात करना
  3. उद्धव का अत्यंत ज्ञानी होना
  4. इनमें सभी। 

उत्तर B : कृष्ण के समीप रहकर भी निर्गुण की बात करना

10. गोपियों के अनुसार, श्रीकृष्ण ने किस मर्यादा का पालन नहीं किया ?
  1. प्रेम की मर्यादा
  2. लोक-लाज की मर्यादा
  3. सामाजिक मर्यादा
  4. इनमें सभी 

उत्तर A : प्रेम की मर्यादा

11. गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने क्या पढ़ लिया है ?
  1. विज्ञान
  2. राजनीति
  3. उपदेश
  4. शास्त्र

उत्तर B : राजनीति

12. सूरदास ने 'मधुकर' शब्द का प्रयोग किसके लिए किया है ?
  1. उद्धव 
  2. कृष्ण
  3. गोपियों
  4. बलराम

उत्तर A : उद्धव 

13. कृष्ण का संदेश सुनकर गोपियों की स्थिति कैसी हो गई ?
  1. मिलन की आस जगी
  2. विरह की आग जगी
  3. खुशी की आस जगी
  4. प्रेम की आस जगी। 

उत्तर B : विरह की आग जगी

14. उद्धव कृष्ण का कौन-सा संदेश लेकर आए थे ?
  1. प्रेम संदेश
  2. अनुराग संदेश
  3. योग संदेश 
  4. इनमें कोई नहीं। 

उत्तर C : योग संदेश 

15. 'मरजादा न लही' के माध्यम से सूरदास की गोपियाँ कौन-सी मर्यादा ना रहने की बात कर रही हैं ?
  1. प्रेम की
  2. घृणा की
  3. जीवन की
  4. मान की

उत्तर A : प्रेम की

16. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है ?

उत्तर : गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कह कर उन पर व्यंग्य साधती हैं। उनके व्यग्य का उद्देश्य है कि उद्धव से वे कहना चाहती हैं कि उन्हें कभी प्रेम नहीं हुआ है इसलिए वह गोपियों की पीड़ा को समझने में असमर्थ हैं। क्योंकि जो घायल होते हैं वही घायल की स्थिति जान सकते हैं अतः उद्धव गोपियों की पीड़ा का एहसास नहीं कर सकते।

17. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है ?
उत्तर : उद्धव के व्यवहार की तुलना भौरे से की गई है भंवरा जैसे काला है वैसा ही उद्धव का मन है इसलिए गोपियों को कृष्ण को भूलने कह कर, निर्गुण उपासना का संदेश देते हैं। प्रथम पद में हम देखते हैं कि उद्धव की तुलना कमल के पत्ते एवं तेल की गगरी से की गई है। जिन पर जल की बूंदों का प्रभाव नहीं पड़ता वैसे उद्धव पर भी प्रेम का कोई प्रभाव कृष्ण के साथ रहने पर भी नहीं पडा।

18. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं ?
उत्तर : जब गोपियों को उद्धव ने निर्गुण उपासना का संदेश दिया तब गोपियों को यह मार्ग पसंद नहीं आया। इस मार्ग पर चलने से इनकार करते हुए गोपियों ने उद्धव को उलाहने देने शुरू किए कि तुमने कभी प्रेम रूपी नदी में डुबकी नहीं लगाई अगर किसी से प्रेम किया होता तो यह संदेश हमें न सुनाते। कृष्ण के साथ रहकर भी तुमको उनसे प्रेम न हुआ यह अचरज की बात है। तुम हमें कितनी ही विशेषताएं योग मार्ग की बताओ हमारे मन से कृष्ण प्रेम की परतों को नहीं तोड़ सकता। क्योंकि हम मन, कर्म, वचन से कृष्ण को स्वीकार चुकी हैं। तुम तो जल में डूबे हुए कमल के पत्तों के समान हो जो जल में रहकर भी उससे कभी भींगता नहीं। हम तो इतने दूर रहकर भी कृष्ण को भूल नहीं पाए हैं। तुम साथ रहकर भी उनको समझ नहीं पाए हो ।

19. कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है ? [V.V.I]
उत्तर : गोपियों ने कृष्ण के प्रति अपना अनन्य प्रेम विभिन्न प्रकार से व्यक्त किया है:

  1. वे जागते, सोते, दिन-रात कृष्ण का ध्यान करती हैं, जैसे हारिल पक्षी एक लकड़ी को मजबूती से पकड़े रहता है, वैसे ही वे भी कृष्ण से जुड़ी हुई हैं।
  2. वे कहती हैं कि उनका प्रेम कृष्ण के साथ इस प्रकार जुड़ा हुआ है जैसे चींटियाँ गुड़ से लिपटी रहती हैं।
  3. गोपियों ने अपने मन, वचन और कर्म से पूरी तरह कृष्ण को अपना लिया है।
  4. जब उद्धव उन्हें योग का संदेश देते हैं, तो उनका धैर्य टूटने लगता है, और वे अत्यंत व्यथित हो उठती हैं।

20. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है ? [V.V.I]
उत्तर : गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा उन लोगों को देने के लिए कही है जिनके मन स्थिर नहीं रहते। जिनके मन चकरी की तरह चक्कर लगाते हैं अर्थात् जिनका एकनिष्ठ प्रेम नहीं है।

21. गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?  [V.V.I]
उत्तर : गोपियों के अनुसार राजा का धर्म नीति के मार्ग पर चलने का होना चाहिए। राजा को प्रजा का हित करना चाहिए ।

22. गोपियों ने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर ज्ञानी उद्धव को परास्त कर दिया, उनके वाक्चातुर्य की विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर : गोपियाँ वाक्‌चातुर्य हैं। वे बात बनाने में किसी को भी पछाड़ देती हैं। यहाँ तक कि ज्ञानी उद्धव उनके सामने गूँगे होकर खड़े रह जाते हैं। कारण यह है कि गोपियों के हृदय में कृष्ण-प्रेम का सच्चा ज्वार है। यही उमड़ाव, यही जबरदस्त आवेग उद्धव की बोलती बंद करा देती हैं। सच्चे प्रेम में इतनी शक्ति है कि बड़े-से-बड़े ज्ञानी भी उसके सामने घुटने देक देता है।
हिंदी (क्षितिज)
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