Jac Board Class 10 Hindi Chapter 4 उत्साह/अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला') | हिंदी (क्षितिज) Important Question 2025

Jac Board Class 10 Hindi Chapter 4 उत्साह/अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला') | हिंदी (क्षितिज) Important Question 2025
कक्षा 10हिंदी (क्षितिज)अध्याय-4
उत्साह/अट नहीं रही है (सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला')


1. 'उत्साह' कविता के कवि कौन है ?
  1. तुलसीदास
  2. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
  3. सूरदास
  4. नागार्जुन

उत्तर B : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

2. 'उत्साह' कविता में कवि बादलों से क्या आग्रह कर रहा है ?
  1. बरसने का
  2. छाए रहने का 
  3. कड़कड़ाने का
  4. इनमें से सभी

उत्तर A : बरसने का

3. 'उत्साह' कविता में प्रयुक्त 'उन्मन' शब्द किस भाव का सूचक है ?
  1. उदासी का
  2. ख़ुशी का 
  3. चमत्कार का 
  4. इनमें से सभी

उत्तर A : उदासी का

4. 'उत्साह' कविता में बादल किसका प्रतीक है ?
  1. शांति का
  2. क्रांति का
  3. स्थिरता का
  4. सुख का 

उत्तर B : क्रांति का

5. कवि किससे गरजने के लिए कह रहा है ?
  1. बादल से
  2. समुंद्र से
  3. नदी से
  4. विद्युत से 

उत्तर A : बादल से

6. 'उत्साह' कविता में आए 'निदाघ' शब्द का क्या अर्थ है ?
  1. अत्यधिक गर्मी
  2. अत्यधिक सर्दी
  3. अत्यधिक बरसात 
  4. वसंत

उत्तर A : अत्यधिक गर्मी

7. 'धाराधर' किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?
  1. आकाश
  2. समुंद्र
  3. बादल
  4. पृथ्वी

उत्तर C : बादल

8. 'निराला' नाम से कौन कवि विख्यात है ?
  1. सूरदास
  2. सूर्यकांत त्रिपाठी
  3. जयशंकर प्रसाद
  4. नागार्जुन

उत्तर B : सूर्यकांत त्रिपाठी

9. कवि के अनुसार, बादल कहाँ से आ रहे है ?
  1. ईश्वर के घर से
  2. आसमान के एक विशेष छोर से 
  3. अनजान दिशा से
  4. धरा से 

उत्तर C : अनजान दिशा से

10. कवि के अनुसार बादलों के भीतर क्या छिपा हुआ है ?
  1. बिजली की कड़क
  2. पानी
  3. रहस्य
  4. काली घटा

उत्तर A : बिजली की कड़क

11. "अट नहीं रही है" कविता के कवि निम्न में से कौन है ?
  1. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
  2. नागार्जुन
  3. जयशंकर प्रसाद
  4. ऋतुराज

उत्तर A : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

12. 'अट नहीं  रही है' कविता में कवि ने किसका वर्णन किया है ?
  1. प्राकृतिक सौंदर्य का
  2. वर्षा ऋतू का 
  3. भौगोलिक सौंदर्य का 
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर A : प्राकृतिक सौंदर्य का

13. 'अट नहीं रही है' कविता में चारों तरफ किसकी सुंदरता फैली हुई है ?
  1. फागुन
  2. माघ
  3. कार्तिक
  4. वैशाख

उत्तर A : फागुन

14. फागुन मास में कैसी हवाएँ चल रही है ?
  1. शुष्क
  2. नमीयुक्त
  3. मंद-मंद
  4. मादक

उत्तर D : मादक

15. फागुन मास के कारण लोगों के चेहरे पर क्या है ?
  1. डर
  2. मायूसी
  3. खुशी
  4. दु:ख

उत्तर C : खुशी

16. वन के वैभव में क्या कूट-कूटकर भरा है ?
  1. रंग-बिरंगे पते
  2. विशाल पर्वत एवं नदियाँ
  3. अपार जल 
  4. शोभा एवं सौंदर्य

उत्तर D : शोभा एवं सौंदर्य

17. फागुन अन्य ऋतुओं से किस प्रकार भिन्न होता है ?
  1. सुहावने मौसम के कारण
  2. पहाड़ो पर बर्फ जमने के कारण
  3. नदियों में गर्म पानी बहने के कारण
  4. पेड़ पौधों पर फूल मुरझाने के कारण

उत्तर A : सुहावने मौसम के कारण

18. 'कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो' पंक्ति में किसकी विशिष्टता व्यंजित हुई है ?
  1. हवा की 
  2. फलों की 
  3. नभ की
  4. फूलों की

उत्तर D : फूलों की

19. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म कब हुआ ?
  1. 1878
  2. 1863
  3. 1906
  4. 1899

उत्तर D : 1899

20. 'अट नहीं रही है' कविता में किसकी आभा हट नहीं रही है ?
  1. फूलों की 
  2. कवि की
  3. बादलों की
  4. फागुन की

उत्तर D : फागुन की

21. बादल के बरसने के बाद धरती पर क्या परिवर्तन आ जाता है ?
उत्तर : धरती पर शीतलता छा जाती है |

22. कविता का शीर्षक 'उत्साह' क्यों रखा गया है ? [V.V.I]
उत्तर : कविता का शीर्षक 'उत्साह' इसलिए रखा गया है क्योंकि कवि के मन में बादल को लेकर उत्साह है। बादल मन में उत्साह की भावना जगाता है। यह उत्साह क्रांति आने के प्रति भी है।

23. कवि बादल को गरज कर बरसने के लिए क्यों कह रहा है?
उत्तर : कवि धरती पर बड़ा बदलाव चाहता है। इसके अलावा व्यक्ति अथवा अन्य जीवों में उत्साह, उमंग और जोश भी भरना चाहता है इसलिए कवि बादल को गरज कर बरसने के लिए कह रहा है।

24. कवि बादल के बहाने किस में उत्साह भरना चाहता है?
उत्तर : कवि बादल के बहाने सभी जन जीवन में उत्साह भरना चाहता है, जो अत्यधिक तापमान से व्याकुल परेशान हैं, जिनमें जीवन के प्रति हताशा और निराशा छाई हुई है । अत्यधिक ताप से पेड़ पौधे, वनस्पतियां मुरझाने, सूखने लगे हैं उनमें उत्साह और जोश भरना चाहता है।

25. बादल और उत्साह शब्द एक दूसरे के पूरक कैसे हैं?
उत्तर : आकाश में बादल छाना आशा और उम्मीद को जगाता है। उन जीवों में, जो असहनीय गर्मी से परेशान हैं। अत्यधिक तापमान से व्याकुल जीवन की आखिरी उम्मीद की आस में हैं। जब तप्त धरती को बरसात का पानी मिल जाता है तो उनमें उम्मीद जगती है और जीवन में जीने के प्रति जोश और उत्साह बढ़ता है। अतः बादल और उत्साह दोनों एक दूसरे के पूरक शब्द हैं।

26. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्यों? [V.V.I]
उत्तर : कवि बादल को संपूर्ण क्रांति का पर्याय मानता है उसे इस बात का एहसास है कि अत्यधिक गर्मी होने के कारण संपूर्ण जगत के लोग एवं अन्य जीव अपने जीवन के प्रति आशा और उम्मीद खो चुके हैं, इसके लिए सामान्य रूप से बादल का बरसना काफी नहीं है इसलिए कवि बादल से बरसने के साथ-साथ गरजने के लिए भी कहता है।

27. कविता में बादल किन-किनं अर्थों की ओर संकेत करता है ?

उत्तर : कविता में 'बादल' शब्द इच्छाशक्ति, उत्साह, नवजीवन, नयी कल्पना, विध्वंस, विनाश और क्रान्ति-चेतना आदि अर्थों की ओर संकेत करता है। |


28. 'अट नहीं रही है' कविता में कवि को आकाश में उड़ने के लिए कौन पंख दे देता है ?
उत्तर : फागुन का महीना।

29. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
उत्तर : फागुन का मौसम बहुत ही अच्छा और सुहावना होता है। यह ऐसा मौसम है, जब प्रकृति अपने सुंदरतम रूप में होती है। जगह- जगह फूल खिले होते हैं, पेड़ पौधों में पुराने पत्ते झड कर नए पत्ते निकलने लगते हैं, धरती में सर्वत्र फूल खिले हुए रहते हैं। ऐसा सौंदर्य अन्य ऋतुओं में दिखाई नहीं देता है।

30. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है ?
उत्तर : फागुन बहुत मतवाला, मस्त और शोभाशाली है। उसका रूप-सौंदर्य रंग-बिरंगे फूलों, पत्तों और हवाओं में प्रकट हो रहा है। फागुन के कारण मौसम इतना सुहाना हो गया है कि उस पर से आँख हटाने का मन नहीं करता।

31. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर : कवि निराला को फागुन का मास अत्यंत सुंदर लगता है। उन्होंने प्रकृति की सौंदर्य की व्यापकता का वर्णन कई रूपों में किया है। कवि कहता है कि जब तुम सांस लेते हो, तो घर भर जाता है अर्थात् मौसम के सौंदर्य का प्रभाव इतना ज्यादा है कि पूरा वातावरण सुगंध से भर जाता है। उन्होंने एक जगह लिखा है कि उड़ने को पर-पर कर देते हो अर्थात् फागुन का प्रभाव कवि और अन्य लोगों में इतना हो गया है कि मन प्रफुल्लित होकर आकाश में उड़ने लगता है, उनका मन कहीं एक जगह स्थिर नहीं होता बल्कि प्रकृति के चारों दिशाओं के रूप सौंदर्य को निहारने के लिए प्रतिपल यहां वहां भटकते रहता है। यह कहा जा सकता है कि धरती पर सर्वत्र फागुन मास की शोभा स्पष्ट नजर आने लगती है।

32. फागुन मास में प्रकृति में क्या परिवर्तन दिखने लगते हैं?
उत्तर : फागुन मास में प्रकृति अपने सर्वोत्तम रूप में होती है । पेड़-पौधों से पुराने पत्ते झड़ कर नए-नए और कोमल पत्ते निकलने लगते हैं। कहीं पलाश के फूल खिलने लगते हैं तो कहीं साल के पत्ते निकलने लगते हैं और फूलने लगते हैं, पूरा वातावरण सरई फूल और पलाश के फूलों से सफेद- लाल रंग से पट जाता है।

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